Thursday, February 11, 2010

जिन्दगी के Exams

कई बार परेशानियां और मुश्किल वक्त हौसला डिगाने का ज़रिया बनते हैं और कई बार खुद को ढूंढ निकालने का माध्यम.... मेरे साथ दोनों ही हुआ... पहले हौसला डिगा और जब खुद को शांत रखकर वक्त और हालात को समझने की कोशिश की तो खोए हुए खुद को भी पा लिया.... लेकिन साथ हीं कुछ और भी था जो मिल गया... शायद तोहफे की तरह... एक समझ, जो जिन्दगी को देखने का नया नजरिया दे गयी....

मैंने पाया कि जिन्दगी में हमें स्कूल या कॉलेज की हीं तरह कई Exams देने पड़ते हैं... Exam पास किया तो आगे बढ़ते हैं वरना उसी क्लास में रहना पड़ता है औऱ Exam फिर से देना पड़ता है.... थोड़ा और समझाने की कोशिश करुं तो मतलब ये कि जिन्दगी एक टीचर की तरह है और हम स्टूडेंट... जिन्दगी कुछ न कुछ सीखा रही है... औऱ सीखाने का बाद वो टेस्ट लेती है कि हमने वाकई सबक सीखा या नहीं.... और जब तक हम उस टेस्ट को पास नहीं कर जाते हम बार बार वैसी हीं परिस्थितियों का सामना करते हैं जिन्दगी में.... यानि उसी क्लास में अटके रहते हैं...

उदाहरण के तौर पर... मान लिजिए आप एक रिश्ते में हैं....यानि रिलेशनशिप में या फिर कहूं कि प्रेम में.... रिश्ता चल रहा है... पर रिश्ता टूटता है... ज़ाहिर है, कमियां या गलतियां दोनों तरफ से रही होंगी... और आप ऐहसास करते हैं कि बस बहुत हो गया, अब और नहीं... और आप अलग हो जाते हैं.... ये एक आम उदाहरण है... लेकिन जिन्दगी के लिहाज़ से, जिन्दगी आपको कुछ सीखा रही थी और उस रिश्ते का बुरा वक्त उस टेस्ट की तरह था जो उस जोड़े को पास करना था... पर वो टेस्ट फेल कर गए... मतलब ये कि अब दोनों प्यार की क्लास में हीं रह जायेंगे... वो अगली क्लास तक नहीं जा सकते.... उन्हें पहले ये टेस्ट पास करना हीं होगा.... और इसलिए जिन्दगी, कुछ महीनों बाद या कुछ सालों बाद एक बार फिर दोनों की जिन्दगी में किसी न किसी को लेकर आयेगी... और आपको फिर इम्तिहान देना होगा... इस बार Question Paper अलग हो सकता है लेकिन सिलेबस वही होगा... और यकीन मानिए,अगर आप फिर फेल हुए...तो नतीजा वही होगा... आपको फिर एक रिश्ते से गुजरना हीं होगा और ये रिश्ता तबतक जारी रहेगा जबतक की आप ये साबित नहीं कर देते कि हां, आप सबक सीख चुके हैं... यानि आप पास हो गए हैं....

इसलिए, इन Exams में फेल होने के बाद रोने, तड़पने, खुद को कोसने से बेहतर हैं खुद को सच को मानने के लिए तैयार करना कि हां, आप फेल हो चुके हैं... क्योंकि फेल होना कतई बुरा नहीं है... बुरा है सबक को ना सीखना या यूं कहूं कि फेल होने की वजह को नज़रअंदाज़ कर देना... लेकिन फेल होने का फायदा ये भी है कि आप उस पूरे सिलेबस को फिर से पढ़ पाएंगे और बेहतर समझ के साथ Exam दे पायेंगे... बशर्ते कि आप ऐसा चाहते हों... ज्यादातर लोग रोने-धोने और मातम मनाने में और वक्त में फंसे रह जाने में हीं इतना वक्त बिता देते हैं कि अगला Exam सिर पर आकर खड़ा होता है और आप इस बात को समझ भी नहीं पाते कि आप फेल दरअसल हुए क्यों थे....

ऐसे Exams जिन्दगी के हर मोड़ पर हम सब को देने हैं.... आगे बढ़ना है तो क्लास को पास करना हीं होगा... इम्तिहान में पास होना हीं होगा... नहीं होंगे, तो दुबारा Exam देना हीं होगा... इसलिए, सच को मानकर, समझकर, खुद को संभालकर औऱ जिन्दगी क्या और क्यों सीखा रही है इसका आंकलन करते हुए हीं आगे बढ़ना होगा हमें.....

2 comments:

  1. Exams ki khani Sushant ki keyboard sye.... Lovely.....

    Hat OFF dear....

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  2. Well Said :)
    exams ka concept life ar bhi fit baithta h 1st time mehsoos kiya maine.. ap un chuninda logo me se h jo situations ko samjhkar kud ko behtar banana jante h..
    Gud Luck :)

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