Sunday, October 4, 2009

हम सब गाडियां हैं---- पार्ट 2

अगर आपने 'हम सब गाडियां हैं---पार्ट 1' पढ़ा है तो आप वाकिफ होंगे कि दरअसल हम सब गाडियां कैसे हैं.... लेकिन अगर मन में सवाल रह गए हों तो इसे भी पढ़ें क्योंकि मैं गाड़ियों को जितना देखता हूं आजकल, मेरा यकीन बढ़ता चला जाता है कि वाकई हममें और गाड़ियों में बहुत कुछ कॉमन है......

आपने कभी एक अयोग्य बॉस के नीचे काम किया है.... जरूर किया होगा.... दुनिया भरी पड़ी है ऐसे खुशकिस्मतों से जो हैं दो कौड़ी के नहीं लेकिन बॉस बने बैठे हैं.... एक दिन मैं गाड़ी चला रहा था तो अचानक मेरी नज़र ब्लू लाइन बस पर गयी.... मैं हार्न देता रहा और वो बस मज़े से पूरे सड़क को घेर कर चलती रही.... और तभी मुझे लगा कि अरे... ये तो बिलकुल मेरे बॉस की तरह है.... वो भी ऐसे हीं 10 की स्पीड से मज़े से पूरी सड़क को बाप का मान कर चल रहा है.... और हम कुछ नहीं कर पा रहे.... सिवाये इसके की कुढ़ते रहें और पीछे पीछे चलते रहें.... बीच बीच में कभी कभी हार्न बजाकर विरोध जता देते हैं....लेकिन घांय घांय करके चलने वाली उस ब्लू लाइन बस को कहां हमारी मासूम सी हार्न सुनाई देने वाली है.... वो तो बस चला जा रहा है, मस्त चाल से.... हां, बीच बीच में कुछ लोगों ने ज़ोर लगाया और अपनी गाड़ी फुटपाथ पर चढ़ाते हुए आगे निकल गए.... लेकिन इस मुई ब्लू लाइन पर तो उसका असर भी नहीं हुआ.... वो तो अब भी यही कह रही है.... 'जगह मिलने पर पास देंगे.... ओके टाटा'


वैसे कुछ बॉसेस इससे भी घटिया होते हैं.... दरअसल ब्लू लाइन बस के साथ कम से कम इतना तो है कि वो कुछ लोगों को साथ बिठाकर थोड़ी दूर ले तो जाती है.... पर कुछ बॉस तो ऑटो की तरह होते हैं.... जो दो से ज्यादा लोगों को साथ लेकर चल भी नहीं सकते.... आपको आगे निकलने का मौका भी नहीं देंगे.... इधर उधर खरोंच भी लगाएंगे.... जबरदस्ती, बेवजह पीं पीं वाले हार्न की तरह बजते रहेंगे.... कभी भी बीच सड़क पर खराब होकर अपने पीछे पता नहीं कितनों को फंसा देंगे.... और देखने में भी बदसूरत होते हैं..... पर इनके साथ अच्छी बात ये रहती है कि अगल बगल जगह इतनी छोड़ते हैं कि कोई भी आगे निकल जाये.... और स्पीड भी इतनी नहीं होती कि आपको खदेड़ कर नुकसान पहुंचा सकें... जो कि ब्लू लाइन जरूर कर सकती है....

और आखिर में एक तीसरे तरीके के बॉसेस भी होते हैं जो किसी भी तरह की गाड़ी हो सकते हैं लेकिन उनका ड्राइवर यानि की इनका दिमाग.... किसी काम का नहीं होता.... ऐसे बॉसेस के पीछे चलते वक्त जितनी कम रफ्तार से चलें उतना अच्छा है क्योंकि ये कभी भी ब्रेक मार कर आपकी गाड़ी का हाल बिगाड़ सकते हैं.... ऐसे बॉसेस दिमाग का दही करने में बेहद कुशल माने जाते हैं.... हालांकि इनकी अयोग्यता के कारण आप कभी भी इन्हें ओवरटेक कर सकते हैं लेकिन उन्हें कभी इस बात का एहसास ना होने दें.... और अगर होने दे भी दिया तो क्या.... वो तो सड़क पर गाड़ी के पीछे पीछे दौड़कर भौंकने वाले कुत्तों से भी ड़रते हैं तो आप तो फिर भी........

खैर ये खास संस्करण बॉसेस को समर्पित था.....
जल्द लेकर आऊंगा.... हम सब गाड़ियां हैं----- पार्ट 3,
तब तक ये बताना ना भूलें कि आपका बॉस कौन सी गाड़ी की तरह है.... कोइ नई कैटेगरी का हो तो शेयर करें.....