बदल जाते हैं......
तस्वीरें वही रहती हैं, किरदार बदल जाते हैं....
ज़िन्दगी चलती रहती है, हिस्सेदार बदल जाते हैं।
कभी वक्त मिले तो उन किश्तियों की सुनना जो डूब के उबरी हैं,
वो बताएंगी, कैसे वक्त के साथ मझधार बदल जाते हैं।
उन किस्सों से क्या पूछूं जो सवाल पूछते हैं,
अपने उन हिस्सों से क्या पूछूं जो सवाल पूछते हैं,
कहने को है कहां कुछ मेरे पास...
पलट कर जब देखता हूं बीते लम्हों को,
जाने क्यूं जवाब बदल जाते हैं।
धरती और आकाश कब मिले हैं,
पतझड़ में फूल कब खिले हैं,
मिल न सके हम भी लेकिन ग़म नहीं,
मेरी आंखे भी अब नम नहीं,
तू बदला तो क्या बदला
वक्त बीते तो दिन और रात बदल जाते हैं।
तस्वीरें वही रहती हैं, किरदार बदल जाते हैं....
ज़िन्दगी चलती रहती है, हिस्सेदार बदल जाते हैं।
कभी वक्त मिले तो उन किश्तियों की सुनना जो डूब के उबरी हैं,
वो बताएंगी, कैसे वक्त के साथ मझधार बदल जाते हैं।
उन किस्सों से क्या पूछूं जो सवाल पूछते हैं,
अपने उन हिस्सों से क्या पूछूं जो सवाल पूछते हैं,
कहने को है कहां कुछ मेरे पास...
पलट कर जब देखता हूं बीते लम्हों को,
जाने क्यूं जवाब बदल जाते हैं।
धरती और आकाश कब मिले हैं,
पतझड़ में फूल कब खिले हैं,
मिल न सके हम भी लेकिन ग़म नहीं,
मेरी आंखे भी अब नम नहीं,
तू बदला तो क्या बदला
वक्त बीते तो दिन और रात बदल जाते हैं।
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