" ग़म होते हैं जहां ज़हनत होती है, दुनिया में हर शय की क़ीमत होती है..
अक़सर वो कहते हैं वो मेरे हैं, अक़सर क्यों कहते हैं हैरत होती है...
तब हम दोनों वक्त चुराकर लाते थे, अब मिलते हैं जब भी फ़ुरसत होती है..."
अक़सर वो कहते हैं वो मेरे हैं, अक़सर क्यों कहते हैं हैरत होती है...
तब हम दोनों वक्त चुराकर लाते थे, अब मिलते हैं जब भी फ़ुरसत होती है..."
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